आरक्षक के बचाव में FIR में अलग से जोड़ी धाराएं
पीड़िता के पिता बोले – “शादी में कोई कमी नहीं छोड़ी, कार से लेकर सारा सामान दिया… पर बेटी का रक्षक ही उसकी जान का दुश्मन बन गया।” परिवार का आरोप – FIR कॉपी में साफ दिखाई दे रही है अलग से जोड़ी गई धाराएँ, पुलिस आरोपी को बचा रही।
शिवपुरी।
थाना पोहरी में पदस्थ पुलिस आरक्षक राजेन्द्र खरे पर विवाहिता महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि उसका विवाह 19 अप्रैल 2024 को हुआ था, जिसके बाद से ही वह और उसका परिवार निरंतर प्रताड़ना का शिकार होते रहे। स्थिति 8 सितंबर 2025 को इतनी बिगड़ गई कि आरक्षक राजेन्द्र और उसके परिवारजनों ने मिलकर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। इस दौरान महिला को गंभीर चोटें आईं और जान तक जाने का खतरा पैदा हो गया।
पीड़िता ने अपने आवेदन में लिखा है कि हमला शराब के नशे में किया गया। 16 सितंबर 2025 को दर्ज FIR में कई धाराएँ जोड़ी गईं, लेकिन परिवार का आरोप है कि FIR की कॉपी में धारा 84 और 85 बाद में पेंसिल से लिखी गई हैं, जिससे पूरे प्रकरण की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
पीड़िता के पिता ने कहा – “मैंने बेटी की शादी में कोई कमी नहीं छोड़ी थी, कार से लेकर सभी जरूरी सामान दिया। पुलिस आरक्षक का काम देश सेवा और जनता की रक्षा करना है, लेकिन किसे पता था कि वही वर्दीधारी रक्षक मेरी बेटी की जान का दुश्मन बन जाएगा।”
परिवार का आरोप है कि पुलिस आरोपी को बचाने में जुटी हुई है। उनका कहना है कि अगर जांच अधिकारी इस मामले को अपनी बेटी का मामला मानकर देखेंगे तभी पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिलेगा।
पीड़िता के परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव और पुलिस अधीक्षक शिवपुरी से मांग की है कि निर्दयी और हिंसक व्यवहार वाले आरक्षक की सेवा तुरंत समाप्त की जाए, ताकि विभाग की छवि सुरक्षित रहे और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
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