99 लाख का ठेका, 4 करोड़ से ज्यादा का भुगतान — ईओडब्ल्यू जांच में खुली परतें
शिवपुरी। नगर पालिका शिवपुरी में पानी के नाम पर हुए भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ट्यूबवेल संधारण के नाम पर शासन की राशि का चार गुना से अधिक भुगतान किया गया।
दरअसल, नगर पालिका ने 3 मई 2023 को शहर के 493 ट्यूबवेलों के रख-रखाव का ठेका मेसर्स समाधियां नामक फर्म को 99 लाख रुपये में दिया था। तय दर 1,388 रुपये प्रति ट्यूबवेल में ही स्टार्टर, केबल और मोटर बदलने का प्रावधान था। लेकिन काम समय पर न होने पर ठेका समाप्त कर दिया गया।
इसके बाद नगर पालिका के भीतर सक्रिय संगठित गिरोह ने पूरे शहर को 4 ज़ोन में बांटकर अलग-अलग फर्मों को संधारण का काम सौंप दिया। इसमें मोटर रिपेयरिंग की नई दरें 3,440 से 5,940 रुपये तक तय की गईं और मोटर बदलने के भुगतान का प्रावधान भी अलग से जोड़ा गया।
जांच में सामने आया कि पीआईसी की अनुशंसा पर नियमों की अनदेखी कर यह ठेके दिए गए। इस प्रक्रिया में 4 फर्मों को कुल 4 करोड़ 83 लाख 65 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। यानी जो काम पहले 99 लाख रुपये में तय हुआ था, उसी पर 4 गुना से अधिक राशि खर्च कर दी गई।
संयुक्त संचालक की जांच रिपोर्ट में नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, तत्कालीन सीएमओ और पीआईसी समिति को जिम्मेदार पाया गया। ईओडब्ल्यू में शिकायत करने वाले ठेकेदार एडवोकेट जितेंद्र समाधियां के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।
शहर की जनता को पानी तो नियमित नहीं मिला, लेकिन संधारण के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि का बंदरबांट जरूर कर दिया गया।
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