यह फोटो काल्पनिक है AI editing
शिवपुरी।
बरसात की शुरुआत के साथ ही शहर की कई कॉलोनियों की असलियत उजागर होने लगी है। कॉलोनी में रह रहे नागरिक अब कीचड़, जलभराव और टूटी सड़कों से परेशान हैं। ये वही कॉलोनियां हैं, जिन्हें बड़े-बड़े वादों के साथ बिल्डरों ने काटा था—बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं देने का दावा किया गया था। मगर आज स्थिति यह है कि बरसात में घरों तक पहुंचना भी चुनौती बन गया है।
इन कॉलोनियों में सड़कें अधूरी हैं, कहीं पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है, तो कहीं बिजली के खंभे तक नहीं लगाए गए। स्थानीय रहवासी अब सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं—"सड़क कब बनेगी? पानी का इंतजाम कौन करेगा?"
पर बड़ा सवाल यह है—जब प्लॉट या मकान खरीदा गया था, तब यह नहीं पूछा गया कि विकास कार्य कौन करवाएगा?
बिल्डरों ने पहले वादा किया, बाद में किनारा कर लिया। अब परेशान जनता परेशान है और जिम्मेदारी टाल दी जा रही है।
जनता को जागरूक होने की जरूरत है।
अब समय आ गया है कि ऐसे बिल्डरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना उनकी जिम्मेदारी है। यदि वे इसे नहीं निभा रहे, तो जनता को चाहिए कि संबंधित थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं।
शासन और प्रशासन से भी अपेक्षा की जाती है कि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ सख्त जांच करें और जिन कॉलोनियों में बिना अनुमति व बिना विकास के प्लॉट बेचे गए हैं, वहां तत्काल रोक लगे।
याद रखें — कॉलोनी आपकी है, अधिकार भी आपका है, आवाज उठाइए, विकास करवाइए।
अब समय है चुप रहने का नहीं, कार्रवाई करवाने का।
Collector Shivpuri