पोहरी (शिवपुरी)।
शासकीय आईटीआई पोहरी में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य नरेश नरवरिया एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। वायरल हुए एक वीडियो ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है, जिसमें प्राचार्य द्वारा एक गरीब व्यक्ति से चौकीदार की नौकरी दिलाने के नाम पर 30,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पीड़ित व्यक्ति अपने पुत्र के साथ प्राचार्य को 20,000 रुपये नकद देता है।
रिश्वत लेते वीडियो..
शेष 10,000 रुपये ना देने पर प्राचार्य नाराज होते हुए कहते हैं—"बाकी का पैसा क्या मैं अपनी जेब से भरूंगा? देना है तो पूरे दो, नहीं है तो हट जा।" अंततः उन्होंने ₹20,000 रख लिए और युवक को धमकाते हुए वहां से भगा दिया।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह कोई पहला मामला नहीं है। पोहरी क्षेत्र के कई गरीब युवाओं से चौकीदार और चपरासी की नौकरी परमानेंट कराने के नाम पर लंबे समय से वसूली की जा रही है। कुछ को 3-4 महीने काम करवा कर हटा दिया जाता है।
चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि प्राचार्य नरेश नरवरिया की निजी दो आईटीआई—एक मुरैना जिले में न्यू मॉडर्न प्राइवेट आईटीआई और दूसरी ग्वालियर में मॉडर्न प्राइवेट आईटीआई के नाम से संचालित हैं। जबकि वे विगत 5-6 वर्षों से पोहरी की शासकीय आईटीआई में ही पदस्थ हैं और सरकार से वेतन ले रहे हैं।
प्रत्येक वर्ष गवर्नमेंट आईटीआई पोहरी में दाखिले घटते जा रहे हैं जबकि नरेश नरवरिया अपनी निजी संस्थाओं की सीटें भरवाने में जुटे रहते हैं। सूत्र बताते हैं कि वे सरकारी छात्रों को पास कराने और नौकरी दिलाने का लालच देकर निजी आईटीआई में प्रवेश दिलवाते हैं, जिससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि—क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारी पर शासन सख्त कार्यवाही करेगा?
जनता और युवाओं का विश्वास बहाल करने के लिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच अति आवश्यक है।
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Mukesh Kushwah
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