*शनि के अनुसार 2020 का वर्षफल शनि के गौचर चाल अनुसार कैसा रहेगा-डॉ विकाशडीप शर्मा

**शनि के अनुसार 2020 का वर्षफल शनि के गौचर चाल अनुसार कैसा रहेगा* ।
 *डॉ विकासदीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी 9425137382*

शििबपुरी *शनि 2020 का सम्पूर्ण वर्ष उतरा-षाढ़ा - नक्षत्र में सँचार करेगा ।*न्याय के ओर प्रकृति के संचालक के साथ  - शनि, समय चक्र की चाल भी  है और सारे ग्रहों की परिधि है । इसलिये सारा वर्ष कैसा गुजरेगा - ये शनि ही निश्चित करता है । उतरा-षाढ़ा नक्षत्र को अंग्रेजी में हरक्यूलिस कहते हैं । उर्ध्व आकाश में बहुसंख्यक तारों से गठित होकर इसका निर्माण हुआ है । उतरा-षाढ़ा का अर्थ है - अजेय । ऋग्वेद में इसका उल्लेख है । इस नक्षत्र को विश्वामित्र नामक तारा-मण्डल से शक्ति मिलती है । रामायण में कहा गया है कि - विश्वामित्र, घोर तपस्या के बाद ऋषि हुये थे । अपनी तपस्या के तेज से उन्हौने दक्षिण आकाश में अनेक नक्षत्रों की सृष्टि की थी । त्रिशंकु नामक उज्ज्वल नक्षत्र ऋषि विश्वामित्र की ही रचना है । हालाकि - ज्योतिष शास्त्र में इसका विवरण नही है ।  इस पौराणिक आख्यान को कहने का तात्पर्य ये है कि - कभी उतरा-षाढ़ा नक्षत्र में प्रचण्ड विस्फोट हुआ था - जिसे आजका विज्ञान सुपर नोवा कहता है । ऐसे में उसकी शक्ति सम्पूर्ण आकाश-गंगा के बराबर हो गई थी । ऐसे ही प्रचण्ड तेज़ की व्याख्या विश्वामित्र की है और ऐसा ही वर्णन उतरा-षाढ़ा नक्षत्र का है । व्याख्यान अलंकारिक है परन्तु संकेत स्पष्ट है । ये वर्ष उतरा-षाढ़ा नक्षत्र के प्रबल तेज़ की पृष्ठभूमि के साथ-साथ चलायमान रहेगा । उसमे शनि का सँचार - करेला ऊपर से नीम चढ़ा जैसी बात होगी । 
 *शनि का उतरा-षाढ़ा नक्षत्र में सँचार शुभ नही माना जायेगा* । इससे स्वार्थ को बढ़ावा मिलता है । अपने लाभ की चिन्ता, कर्मक्षेत्र में उच्चता की होड़, छत्रछाया का ना होना अर्थात दिशाहीन कर्म, विश्लेषण करने की जिज्ञासा और कुटिल-बुद्धी के कार्यों में विशिष्टता । जिससे प्रबल प्रतिद्वन्दिता का निर्माण होगा और सौहार्द कम होगा । 

 *फिर भी - आपकी राशि इससे कैसे समन्वय बनायेगी  एक आंकलन अनुसार  ।* जय माई जय गुरुदेव

 *मेष-राशि -* इस वर्ष आपके लिये कर्म ही प्रधान हो जाने वाला है । आपको कर्म योगी बनकर अपने कर्मों को करते रहना होगा और फलस्वरूप जितना मिले उसी से सन्तुष्ट भी होना होगा । क्योंकि - इस वर्ष आपको बुद्धिजीवियों और कूटनीतिज्ञों की नीतियों का सामना करना होगा । अपने कर्म का फल दूसरों से साँझा भी करना पड़ सकता है । आपकी सन्तान और शिष्य स्वरूप लोग आपके कर्म का भाग ले सकते हैं । चाचा और चाचा के समकक्ष लोगों से तालमेल बनाये रखना आपको सुरक्षा प्रदान कर सकता है ।
वर्ष का आरम्भ आपके आत्मविश्वास के कारण कुछ बेहतर हो सकता है । लेकिन - वर्ष के मध्य में आपको उथल-पुथल और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है । फिर - जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा अगस्त के बाद आप फिर आत्मविश्वास से भरते जायेंगे और परिस्थितियों को अपने अनुकूल कर लेंगे ।

 *वृषभ-राशि* - वर्ष का आरंभ आपकी दूरदृष्टि से और दूरगामी परिदृश्य से होगा । आप दूर तक समय को समझने का प्रयास करेंगे और सजगता से सक्रीय होंगे । गहन चिन्तन और निर्णय लेने का प्रयास करते दिखेंगे । भाग्य के चमत्कार और लाभदायक अवसरों की आपको आशा रहेगी । लेकिन - वर्ष के आरम्भ में आपको आवश्यक निर्णय ले लेने चाहिये अन्यथा बाद में पछतावा होगा । भाग्य भी सक्रिय होगा लेकिन उसमें से लाभदायक अवसरों को आपको पहचानना होगा और अपने लाभ और लक्ष्य अर्जित करने होंगे । क्योंकि - भाग्य बहुत ही कम समय के लिये लाभदायक अवसरों को प्रकट करेगा और उसी समय को आपको पहचानना होगा । इस तरह - ये वर्ष, समय, भाग्य, आपकी दक्षता और धर्म-कर्म की गहमागहमी का है । आपको सजग रहना होगा और समय को चूकना नही होगा । हालांकि - अगस्त के बाद, जीवनसाथी, भागीदार और सहयोगी आपके काम आ सकते है । 

 *मिथुन-राशि* - ये वर्ष आपके लिये समर्पण भाव लेकर आया है । आप धन, जमा-पूँजी और घर-परिवार के लिये कुछ करना चाहते हैं तो, आपको समर्पित रहना ही होगा । भागीदारी में व्यापार हो, सहयोगियों से बात बनानी हो अथवा विवाह करना चाहते है । दूसरों से सहमति बनानी होगी, समझौता करना होगा और सहयोगी बनना होगा । आगे डगर आसान नही है इसलिये दूरदृष्टि रखनी होगी और अपने दूरगामी लाभ और लक्ष्य निर्धारित करने होंगे । शत्रु और विरोधी भले ही आपसे दूर हो - लेकिन, चतुर और कूटनीतिक लोगों से आपका पाला पड़ेगा और आपकी बुद्धिमानी तथा दक्षता की परीक्षा हो जायेगी । बहरहाल, समर्पित रहना, सहयोगी बनना और सहमति जताना आपको निराश नही करेंगे । लेकिन - समय से तालमेल बनाये रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिये अन्यथा आप पिछड़ जायेंगे ।
•• इस वर्ष - आप समय की एक ऐसी ट्रेन में सवार है - जो शनि के रूप में है । इसका मार्ग अग्निपथ की तरह है - क्योंकि ये उतरा-षाढ़ा नक्षत्र से संचार करने वाला है । उतरा-षाढ़ा नक्षत्र - सूर्य का नक्षत्र है और शनि के साथ इसका तालमेल शुभफल दायक नही है । वर्ष समय की एक ऐसी पृष्ठभूमि की तरह आपके साथ चलेगा - जो उथल-पुथल से युक्त है । फिर भी - इस ट्रेन में आपके लिये क्या है - देखें

 *कर्क-राशि* - वर्ष के आरम्भ में ही आपको शुभ संकेत मिल सकते हैं कि - आपके कार्य बनने वाले हैं अथवा आपके प्रयास शुभफल दिखाने वाले हैं । अधूरे कार्य अथवा बचे हुये प्रयास आपको पूर्ण कर लेने चाहिये । भागीदारी के लाभदायक प्रस्ताव मिल सकते हैं, विवाह करने के ईच्छुक लोग भी शुभ रिश्तों में बंधेंगे, पति-पत्नी के मनमुटाव भी समाप्त होंगे, भागीदारी में व्यापार-व्यवसाय करने वाले अब लाभदायक स्थिति में होंगे । हालांकि - ये सारे लाभ आपको थोड़ा सहयोगी बनने से मिलेंगे । रिश्तों और अपनों में तालमेल बनाये रखने से बात बनेगी अन्यथा बाहरी गतिविधियां अथवा देश, काल और परिस्थितियां ज्यादा अनुकूल सिद्ध नही होगी । समय के साथ चलने का प्रयास करें । वाद-विवाद और मतभेद आपके लाभ का प्रतिशत कम कर देंगे । सहमति बनाये रखें और सहयोग बनाये रखें - तभी ये वर्ष आपके लिये लाभदायक सिद्ध होगा ।

 *सिंह-राशि* - गुजरा वर्ष आपके लिये कैसा भी रहा हो । लेकिन - परिस्थितियां आपके अनुकूल थी और कुछ आगे-पीछे होकर आपने अपने लाभ और लक्ष्य सिद्ध कर लिये । ये वर्ष - कुछ सजगता चाहता है । अब आपको अपने कार्य व्यवस्थित करने होंगे और उनके फल के प्रति आश्वस्त होना होगा अन्यथा आप चूक सकते हैं । क्योंकि - इस वर्ष परिस्थितियां आपके अनुकूल नही हैं । धैर्य रखना होगा, सहज रहना होगा और जल्दबाज़ी से बचना होगा । आनन-फानन निर्णय हानिकारक सिद्ध हो सकते है । सोच-विचार से कार्य करें और लाभदायक दिशा में प्रयास करें । वर्ष का मध्य भाग उथल-पुथल भरा हो सकता है । भागदौड़ और चिन्ता हो सकती है । मित्र और शुभचिंतकों से सहायता लेना उचित नीति होगी । बुद्धिमानी से कार्य करना, सन्तान के कार्य करना, धनलाभ के प्रयास करना और अपने लाभ और लक्ष्य अपने दृष्टि में रखना इस वर्ष के लिये आशाजनक गतिविधियां होगी ।

 *कन्या-राशि* - आप बहुत समय से भावनात्मक उथल-पुथल से गुजर रहे है । ये अभी और चलने वाली है । हालांकि - आपको जीवनसाथी, भागीदार और सहयोगियों से इसके लिये समर्थन और सहायता लेनी चाहिये । फिर भी - ग्रहयोग आपके पक्ष में होने को है और आपकी बुद्धिमानी फलप्रद सिद्ध होगी । अपने कार्यक्षेत्र से कूटनीति, राजनीति और चतुरता को दूर रखें । कुछ चीजें स्वयं ही ठीक होने की दिशा में अग्रसर है उन्हें स्वयं ही ठीक होने दें । अपने लाभ औऱ लक्ष्य अपने दृष्टि में रखें, स्वयं पर नियंत्रण रखें, धनलाभ के लिये प्रयास करें, सन्तान के कार्य करें और अपने मान-सम्मान का ध्यान रखें । ये वर्ष - आपके लिये नवीन लक्ष्य निर्धारित कर सकता है । हालांकि मार्ग सरल नही है लेकिन निराशाजनक भी नही है । सजग रहें, दूरदृष्टि से कार्य करें और अपने दूरगामी लाभ को पहचाने ।
वर्ष धीरे-धीरे आगे सरकेगा परन्तु आपके लिये सफलता और लाभ के मार्ग भी प्रशस्त करेगा । धैर्य रखें और अपने कार्य करते रहें । 
 *डॉ विकासदीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष 9993462153* 
 *तुला-राशि* - भाई-चारा, सौहार्द, अपनापन, तालमेल और रिश्ते - सब खटाई में पड़ते नज़र आ रहे हैं । आप भावनात्मक रूप से आहत हो रहे है और धीरे-धीरे इस वजह से निर्बल होते जा रहे हैं । वर्ष का आरम्भ ही ऐसे सोच-विचार से होगा और आप दूरगामी नतीजों से चिंतित हो सकते हैं । आने वाला समय भी सहज नही है । इसलिये आपको इससे हटकर अपनी व्यवहारिकता और लेन-देन को सक्रीय करना होगा तथा अपने निर्धारित लाभ और लक्ष्यों की दिशा में बढ़ना होगा । यदा-कदा मित्रों और शुभचिंतकों की सहायता भी लाभदायक सिद्ध होगी इसलिये इनके सम्पर्क में रहना उचित नीति होगी । बाहरी लोग, दूसरे लोग और विदेशी लोग आपके भाग्य को सक्रिय कर सकते हैं । ऐसे में - लाभदायक अवसरों को भी पहचानने का प्रयास करें ।बहरहाल, अपनी भावनाओं पर नियंत्रण और अपने आत्मविश्वास को बनाये रखना बेहतर नीति सिद्ध होगी ।

 *वृश्चिक-राशि* - वर्ष के आरम्भ में आप आत्मविश्वास से भरे दृष्टिगोचर होंगे । आपके सामने भविष्य के मार्ग स्पष्ट होंगे और उसपर चलने के लिये आपके पास पर्याप्त योजनायें भी होगी । हालांकि - रिश्ते-नाते और अपने-पराये सब अपने-अपने रंग में होंगे और हो सकता है । उनके रंग से आप रंग ना मिला सकें । क्योंकि - समय आपको एक अलग मार्ग पर ले चलने को तैयार है और ये मार्ग आपके लिये कठीन नही है । इसलिये जहां सहजता है, सरलता है और लक्ष्यसिद्धि है - आप उस ओर बढ़ चलेंगे । वर्ष का मध्य कुछ अस्त-व्यस्त हो सकता है - लेकिन, अपना आत्मविश्वास बनाये रखना होगा और अपने निर्धारित मार्ग पर बढ़ते रहना होगा । कुछ ही समय मे सब कुछ फिर से सामान्य हो जायेगा । जहाँ - दूसरे लोग जटिलता और संघर्षों के सामना कर रहे होंगे वही आप अपने आत्मविश्वास से सफलता की ओर अग्रसर रहेंगे ।


 *धनु-राशि* - आपमे आत्मविश्वास की कमी नही है और यही वर्ष के आरम्भ में आपमे दिखाई देगा । आपके आसपास बहुत सी गतिविधियां हो रही है और आप भी उनसे लाभान्वित हो सकते हैं । धर्म-कर्म, मान-सम्मान, रचनात्मकता, दिशा-निर्देश, स्वयं को स्थापित करने के प्रयास और दूरगामी लाभ आपके आसपास हैं । जल्दी ही ये सब इधर-उधर हो जायेंगे और आप फिर से ऐसा अवसर नही प्राप्त कर पायेंगे । अगर - आप दूरदृष्टि से देखेंगे तो पायेंगे कि - समय बदल रहा है और अब दूरगामी कार्य करने होंगे तथा धन, जमा-पूँजी और घर-परिवार के प्रति सचेत रहना होगा । समय की उथल-पुथल आपको कर्तव्य-विमूढ़ कर सकती है और आप दिग्भ्रमित हो सकते है । अपनी योजनाओं को परख लें, अपने कार्य निर्धारित कर ले और अपना मार्ग चुन लें और फिर बिगैर विचलित हुये - उसपर चलते रहें ।  नोवा अथवा सुपर नोवा का अर्थ है - किसी सितारे में अत्याधिक शक्ति का सिमट जाना और फिर उस प्रबल शक्ति के कारण में उसमे विस्फोट हो जाना । उतरा-षाढ़ा नक्षत्र ऐसे ही विस्फोट से बना है और उससे कई चमकीले सितारों का जन्म हुआ है । इससे इसमे अग्नि-तत्व की प्रबलता है और इसका स्वामी सूर्य है । यह नक्षत्र सूर्य जैसे कई सितारों के गठन से बना है । इनमे भरपूर क्रिया होती है । ऐसी उथल-पुथल भरी पृष्ठभूमि इस वर्ष का मार्ग बनने वाली है । वर्षफल का स्वामी शनि - ऐसे मार्ग से गुजरेगा और आने वाले एक वर्ष के समय को निश्चित करेगा । दुनियां के लिये आगामी एक वर्ष शनि अपने कठिन सँचार से निश्चित करने वाला है । शनि और सूर्य की शत्रुता ज्योतिष में सदा से जानी जाती है । इसलिये - सूर्य के मार्ग से शनि का सँचार दुष्कर सिद्ध होना है । 
क्रूर सूर्य के नक्षत्र में शनि जैसे पाप ग्रह का सँचार - छल-कपट को बढ़ावा देगा । इससे - जनसाधारण में रहस्यमयी वातावरण का निर्माण होगा - लोग अपने मन की थाह नही लगने देंगे । जुबान से जो बोलेंगे उसके विपरीत अन्तर्मन में होगा । इशारों-इशारों में काम ज्यादा होंगे - लोग कम बोलना पसन्द करेंगे ।
30 मार्च को गुरु बृहस्पति अपनी निर्बल राशि - मकर में प्रवेश कर जायेगा । इसके साथ ही शनि बे-लगाम हो जायेगा । महिलाओं से संबंधित अपराधों में बढ़ोतरी हो जायेगी, व्यवहार और लेन-देन ज्यादा हो जायेगा, विश्वास कम हो जायेगा । व्यापार-व्यवसाय के नये और नकारात्मक मापदण्ड तय होने लगेंगे । कुछ और धार्मिक लोग बदनाम होंगे, महंगाई की दर बढ़ेगी और अश्लीलता का बोलबाला होगा । ऐसे अग्निकाण्ड हो सकते है - जिन्हें लोग, लम्बे समय तक याद रखेंगे । सरकार - शक्ति प्रयोग को मजबूर होगी और नये कानून लागू होंगे । शेयर मार्केट बहुत ऊपर नीचे होगा और सोना महँगा होता चला जायेगा । 11 मई से शनि वक्री होगा - जिससे विश्व मे हलचल होगी और भयप्रद वातावरण का निर्माण होगा । मई माह में पाँच ग्रह वक्री होंगे - जो समय को पीछे धकेलेंगे और भविष्य का मार्ग बन्द जान पड़ेगा । आने वाले समय मे फ़िल्म इंडस्ट्री अपनी राजनीतिक बयानबाज़ी के कारण और मुखर होगी तथा इससे उसकी कमजोरियाँ भी उजागर होगी । इस चक्कर मे हम लोग अच्छी फिल्में देखने से वंचित होंगे ।
ईश्वर सबका अच्छा करेंगे - सबका शुभ होगा । ज्योतिष आँकड़ों का विश्लेषण आवश्यक है । इसलिये ग्रहयोग को विश्लेषित किया गया है । 

 *मकर-राशि* - आपके लिये सम्पूर्ण वर्ष राजयोग जैसा फल होने को है । अर्थात - इस वर्ष आपके लिये आपके कर्म का फल आपको सहज ही मिल जायेगा । कुछ दुष्कर परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद आप अपना लाभ अर्जित करने में सफल होंगे । हालाकि - ध्यान रखें, जो आपकी योजनायें है, आपकी महत्वांकांक्षायें है और जो उन्नति के लिये आपके नये कार्य और नये प्रयास है । वे आपकी परीक्षा ले लेंगे । कुछ विरोध और प्रतिद्वन्दिता भी प्रकट होगी । जो आप करेंगे - वो देखने मे और करने में सहज और सरल होगा । लेकिन - नेपथ्य से अथवा पृष्ठभूमि से जो रुकावटे, विरोध और अड़चने पैदा होगी - वो आपको खिन्न कर देगी । लेकिन प्रयास और कार्य ना छोड़े - तभी सफलता प्रकट होगी । जो भी हो - मित्र और शुभचिन्तक सहयोगी सिद्ध होंगे और आपके शत्रु परास्त होंगे ।

 *कुम्भ-राशि* - वर्ष का आरम्भ संतुष्टि देने वाला और लाभदायक सिद्ध होगा । लेकिन - जल्दी ही ग्रहयोग बदल जायेंगे और परिस्थितियाँ आपके अनुकूल नही रहेगी और कठीनताओं से जूझना पड़ेगा । हालांकि - धन, मान-सम्मान और उच्चता के फक अभी मिलते रहेंगे । फिर भी, जल्दी से आवश्यक काम निपटाने होंगे और लाभ अर्जित कर लेने होंगे । वर्ष का मध्य आते-आते लाभ और लक्ष्य आसान नही रहेंगे और अब तो मान-सम्मान तथा जमा-पूँजी की भी चिन्ता हो सकती है । भाग्य कभी-कभी जाग्रत होकर आपको लाभदायक अवसर प्रदान करता रहेगा । ऐसे में - आपको इन अवसरों भरपूर लाभ लेना होगा ।  फिर भी - आप आशान्वित रहेंगे और अपना आत्मविश्वास बनाये रखेंगे । यही बात आपको वर्ष की उथल-पुथल से तालमेल बनाये रखने सहायता प्रदान करेगी । उलझनों से दूर रहें, असमंजस में ना रहें, अपने काम को प्राथमिकता दें और विचलित ना हों । 

 *मीन-राशि -* कुछ काम निपटाने होंगे, अधूरे कार्य ना छोड़ें और अपने काम से लगे रहें । वर्ष का आरंभ - इसी तरह का है । इससे आपको आने वाले समय इनके फल भी मिलेंगे । इसलिये काम निपटाते चले और आनन-फानन अग्रसर रहें । वर्ष के मध्य से समस्यायें खड़ी हो सकती हैं । आपका आत्मविश्वास कम हो जायेगा और स्वास्थ्य की समस्या उठ खड़ी होगी । जाने-माने, प्रसिद्ध और पुरुषार्थी मित्र और शुभचिन्तक सहायता कर सकते हैं । हालांकि - दूरगामी कार्य कर सकते है परन्तु इनके फल भी दूरगामी होंगे । दूरदृष्टि काम आ सकती है । ऐसी ही लाभदायक सूचनायें भी मिल सकती है । इनका लाभ लेना होगा और चिन्ता से दूर रहना होगा ।
आय के नये स्त्रोत बन सकते है परन्तु मेहनत करनी होगी और कर्मठ बनना होगा - तभी लाभ अर्जित होगा । कच्ची जमीन से लाभ हो सकता है । चाचा और पुराने लोगों से लाभ हो सकता है ।

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