फर्जी जाति प्रमाण पत्र से रजिस्ट्री कराने के मामले में तीन के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज


फर्जी जाति प्रमाण पत्र से रजिस्ट्री कराने के मामले में तीन के खिलाफ 420 का प्रकरण दर्ज

कोलारस। पुलिस ने न्यायालय के एक वकील व मुंशी सहित तीन लोगों के खिलाफ
एक आदिवासी का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए जाने के मामले में गहन जांच
उपरांत धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी
है। प्रकरण दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपी फरार हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार बृजेश पुत्र खोशू आदिवासी निवासी खरीला रन्नौद ने जाति
प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन लोक सेवा गारंटी केन्द्र बदरवास में 3
मई 2017 को पेश किया था मगर एक माह गुजर जाने के वाद भी जाति प्रमाण पत्र
नहीं बना तब बृजेश आदिवासी एवं बलविंदर सरदार ने कोलारस आकर जसवीर सरदार
वकील को हालात बताए और वकील जसवीर ने अपने मुंशी रिंकू बाथम को राजेन्द्र
यादव के कंप्यूटर सेंटर की दुकान पर भेजा और यहीं से फर्जी जाति प्रमाण
पत्र तैयार करा लिया गया। जाति प्रमाण पत्र तैयार हो जाने के वाद वकील
जसवीर जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए उप पंजियक कार्यालय कोलारस में 07
जुलाई को पहुंचा और आवेदन प्रस्तुत किया। रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रथम
दृष्टया देखने पर ही उप रजिस्ट्रार ने इसे संदिग्ध माना और जांच के लिए
एसडीएम कार्यालय भेज दिया गया। जब एसडीएम कार्यालय के रिकॉर्ड को खंगाला
तब पता चला कि ऐसा कोई जाति प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया। कोलारस
थाना प्रभारी अवनीत शर्मा के मार्गदर्शन में एसआई पीपीएस परमार द्वारा
मामले की संपूर्ण जांच उपरांत 23 सितम्बर की देर शाम वकील जसवीर सरदार
पुत्र हरवंत सिंह निवासी कुमरौआ, कोलारस न्यायालय में भृत्य के पद पर
पदस्थ रामचरण बाथम के पुत्र रिंकू बाथम जो वकील के यहां मुुुंशी का कार्य
करता है और राजेन्द्र यादव पुत्र गोविंद सिंह यादव निवासी जेल रोड कोलारस
के खिलाफ धारा 420, 467,468,120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामला
दर्ज होने की जानकारी लगने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए हैं।
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जांच उपरांत मामला दर्ज किया: टीआई
कोलारस नगर निरिक्षक अवनीत शर्मा ने कहा कि हमने इस मामले में जांच के
उपरांत वकील सहित तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में
प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पार्टी उनके
ठिकानों पर भेजी जाएंगी, आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद फर्जी जाति प्रमाण
पत्र बनवाने के अन्य मामलों का खुलाशा होने की उम्मीद है

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