देहरादून -देहरादून पुलिस ने बीते शुक्रवार को इस गिरोह का खुलासा किया था। गैंग के सरगना जसकरण और शैलेंद्र सिंह ने विदेश जाने की तैयारी कर रहे उन युवाओं की तलाश की जो अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण यह परीक्षा पास नहीं कर पा रहे थे। दोनों ने ऐसे छात्रों से दो-दो लाख रुपये में डील की। इसके बाद उन्होंने ऐसे छात्रों का परीक्षा का एडमिट कार्ड लिया और परीक्षा के लिए अपने परिचित ऐसे दोस्तों को बुलाया, जिनके चेहरे आवेदकों से मिलते थे। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार अधिकांश आरोपी विदेश जाने के लिए खुद लैंग्वेज परीक्षा पास कर चुके हैं।
विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए लैंग्वेज टेस्ट पास करना जरूरी होता है। इसी का फायदा कुछ शातिर उठाने लगे हैं। ये ऐसे युवाओं को तलाशते हैं, जिनकी अंग्रेजी कमजोर होती है। फिर मोटी रकम लेकर इनकी जगह दूसरे युवकों को परीक्षा में बैठाकर लैंग्वेज टेस्ट पास कराया जाता है।
नेहरू कॉलोनी इंस्पेक्टर राजेश साह ने बताया कि जसकरण और शैलेंद्र पहले से ही परीक्षा प्रबंधक की रडार पर थे। दोनों पर पहले भी इस तहर की परीक्षा दिलाने का शक था। परीक्षा से पहले उन्हें पकड़ा जा सकता था। लेकिन आरोप पुष्ट हों, इसलिए परीक्षा पूरी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
समृद्ध परिवारों से हैं सभी आरोपी
पुलिस गिरफ्त में आए सभी आरोपी समृद्ध परिवारों से संबंध रखते हैं। कई आरोपियों के पिता सरकारी नौकरी में हैं। लेकिन इसके बावजूद थोड़े से रुपयों के लालच में आकर आरोपी दूसरे की जगह परीक्षा देने बैठ गए। जबकि मोटी कमाई दोनों सरगनाओं ने की।
Tags:
देश/विदेश