सुप्रीम कोर्ट सख्त - व्हाट्सएप और फेसबुक को मिला नोटिस...


आपकी प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त- व्हाट्सएप और फेसबुक को मिला नोटिस.....

शिवपुरी : मशहूर इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस व्हाट्सएप अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के कारण एक बार फिर मुश्किल में फंस गई है। उच्चतम न्यायालय ने फेसबुक और व्हाट्सएप्प जैसे सोशल मीडिया नैटवर्क के लिए गोपनीयता नीति तैयार करने की याचिका पर सरकार का जवाब मांगा है। 
उच्चतम न्यायालय ने फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्राई को भी नोटिस जारी किया और इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की मदद मांगी। उल्लेखनीय है कि व्हाट्सएप ने 25 अगस्त 2016 को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी लगाई थी फटकार
प्राइवैसी पॉलिसी में बदलाव के बाद 2 स्टूडैंट्स ने याचिका दायर इस पॉलिसी को यूजर्स के हितों के खिलाफ बताया था। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार और ट्राई को व्हाट्सएप और ऐसे अन्य प्लेटफॉम्र्स को रैगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत लाने की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा था। 
इस पर कोर्ट ने व्हाट्सएप को आदेश दिया था कि यूजर द्वारा अकाऊंट डिलीट करते ही उसकी सारी जानकारी हटा दी जाए और इसे फेसबुक से सांझा न किया जाए। इस पर व्हाट्सएप ने कहा था कि यूजर्स विज्ञापनों और प्रॉडक्ट एक्सपीरियंस के लिए अपनी इन्फर्मेशन फेसबुक के साथ शेयर न करने का ऑप्शन चुन सकते हैं और इसके लिए उनके पास एक महीने का समय होगा। 
इनक्रिप्टिड (सुरक्षित) नहीं है व्हाट्सएप मैसेज
हाल ही में ‘द गार्जियन’ ने एक रिपोर्ट सांझा की है जिसमें व्हाट्सएप में सुरक्षा संबंधी चूक की बात सामने आई है। इस चूक की वजह से फेसबुक तथा अन्य सर्विसिस एनक्रिप्टेड संदेशों को पढ़ सकती हैं या उसे बाधित कर सकती हैं।
 व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने रेडिट डॉट कॉम पर साझा किए गए संदेश में कहा कि द गार्जियन की यह (व्हाट्सएप में सुरक्षा खामी) रिपोर्ट गलत है। 
वहीं सिक्योरिटी रिसर्चर टोबियास बोएल्टर की मानें तो उन्होंने फेसबुक को पिछले साल पहले ही बैकडोर के जोखिम के बारे में चेतावनी दी थी जिस पर कम्पनी ने जवाब दिया था कि वह इसे ठीक करने के लिए काम कर रही है।
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http://gadget.punjabkesari.in

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