मंगलम की संख्याबल भले ही कम है, लेकिन गुणात्मक योग्यता अमूल्य: एसपी पाण्डे
स्वामी विवेकानंद जयंती पर हुआ एक सैकड़ा से अधिक रक्तदाताओ का सम्मान
कुक्कु भाई का हुआ विशेष सम्मान
कुक्कु भाई का हुआ विशेष सम्मान
शिवपुरी। समाजसेवी संस्था मंगलम के बारे में जितना मैंने सुना और जाना है उस आधार पर मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह संस्था संख्याबल की दृष्टि से अन्य संस्थाओं की तुलना में भले ही कम हो, लेकिन इसकी गुणात्मक योग्यता का कोई मुकाबला नहीं है। शिवपुरी शहर के अच्छे प्रतिष्ठित और समाजसेवी लोग इस संस्था से जुड़कर इसे ऊंचाईयों पर ले जा रहे हैं तथा स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मंगलम संस्था द्वारा रक्तदाताओं का सम्मान करना एक अनुकरणीय पहल है। उक्त उद्गार मंगलम संस्था द्वारा अपने वाट्सएप प्रकल्प की पहल पर स्वेच्छा से एक सैकड़ा से अधिक रक्तदाताओं के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पोहरी विधायक प्रहलाद भारती ने यह कहने में संकोच नहीं किया कि शिवपुरी की सर्वश्रेष्ठ सामाजिक संस्था मंगलम है। विशिष्ट अतिथि की भूमिका का निर्वहन नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने किया। मंचासीन अतिथियों में मंगलम के उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा, कोषाध्यक्ष दीपक गोयल, मंगलम ब्लड ग्रुप के एडमिन संस्था के संचालक अमित खण्डेलवाल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य भी शामिल थे।

कुक्कू भाई का हुआ विशेष सम्मान
रक्तदान सहित अन्य सामाजिक गतिविधियों में विशेष योगदान देने वाले कुक्कू भाई का इस अवसर पर विशेष सम्मान मुख्य अतिथि सुनील कुमार पाण्डे, अध्यक्ष प्रहलाद भारती और विशिष्ट अतिथि मुन्नालाल कुशवाह ने किया। मंगलम ब्लड ग्रुप के मुख्य कर्ताधर्ता और संस्था के संचालक अमित खण्डेलवाल मोनू भाई ने मंच पर आकर कहा कि आज संस्था के वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से रक्तदान को जो अटूट समर्थन मिला है उसमें कुक्कू भाई की महत्वपूर्ण और सराहनीय भूमिका रही है। यदि वह हमारे साथ नहीं होते तो रक्तदान के क्षेत्र में इतनी अधिक सफलता नहीं मिल पाती इसके अलावा पीडि़त मानवता के क्षेत्र में भी कुक्कू भाई उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। जिन रक्तदाताओं का सम्मान हुआ उनमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य भी थे जिन्होंने इस अवसर पर कहा कि वह अब फिर रक्तदान के लिए तैयार हैं। अपने उद्बोधन में श्री मौर्य ने स्वामी विवेकानंद से जुड़े कई संस्मरण भी सुनाए और कहा कि कर्तव्य के प्रति समर्पण उनका मुख्य लक्ष्य रहा और इसे आधार बनाकर हमें अपने कर्तव्य के निर्वहन में जुट जाना चाहिए।
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