शिवपुरी। जिले में सहारा इंडिया द्वारा हजारों निवेशकों के साथ कथित रूप से की गई करोड़ों रुपए की वित्तीय गड़बड़ी, ठगी और धोखाधड़ी को लेकर प्रभावित निवेशकों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर विशेष जांच कार्यदल (Special Investigation Team – SIT) गठित करने की मांग की है।
निवेशकों का कहना है कि सहारा इंडिया ने शिवपुरी जिले सहित आसपास के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में एजेंटों (कार्यकर्ताओं) के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों की जमा राशि एकत्र की। कई निवेशकों की परिपक्व योजना (मॅच्योरिटी) पूरी होने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया गया।
कार्यालय बंद, रिकॉर्ड गायब—निवेशक भुगत रहे परेशानी
पीड़ितों के अनुसार, सहारा इंडिया का स्थानीय कार्यालय कई माह से बंद पड़ा है और महत्वपूर्ण रिकॉर्ड, कंप्यूटर तथा रसीदें किसके अधीन हैं, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। कई निवेशकों को सहारा रिफंड पोर्टल पर दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद भी भुगतान नहीं मिला।
कई गंभीर सवाल उठाए गए—
आवेदन में निवेशकों ने आठ नाजुक बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए प्रशासन से जांच की मांग की है, जिनमें शामिल हैं—
कंपनी ने जिले में वित्तीय कार्य करने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी या नहीं
किराया अनुबंध किसने किया और किस शर्त पर किया
सहारा इंडिया की कर्मियों द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई
आरबीआई द्वारा लाइसेंस निलंबित होने के बाद भी एजेंटों के माध्यम से राशि जमा होना
रिकॉर्ड व कंप्यूटर किसके कब्जे में हैं
सहारा रिफंड पोर्टल पर दस्तावेज़ जमा करने के बावजूद राशि का न मिलना
निवेशकों का कहना है कि यह मामला बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और आर्थिक अपराध का है, जिसे गंभीरता से लेकर विशेष जांच दल गठित किया जाना आवश्यक है।
ज्ञापन देने वालों में रमेेश मिश्रा सहित अनेक निवेशक शामिल थे।

