शिवपुरी (म.प्र.)। सहारा इंडिया के निवेशकों का दर्द अब सड़कों से अदालत तक गूंज रहा है। जिन ऐजेंट महाराज ने गरीब और भोलेभाले लोगों से घर-घर जाकर अपनी मौखिक गारंटी पर रकम जमा कराई थी, वही अब जवाब देने से बचते नज़र आ रहे हैं। निवेशक समय पर भुगतान न मिलने से परेशान और हताश हैं।
भारत सरकार के सहकारिता विभाग ने सहारा की केवल चार सहकारी समितियों —
1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड
2. सहारियन मल्टीपरपज सोसायटी लिमिटेड
3. हमारा इंडिया कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड
4. स्टार मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड
के लिए ही सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है। पोर्टल से अब तक 5,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी किस्त के रूप में 5,000 करोड़ रुपए और जारी करने की मंजूरी भी दे दी है।
लेकिन सवाल यह है कि अन्य सहारा कंपनियों —
जैसे प्राइम सिटी लिमिटेड, सहारा सिटी होम्स, सहारा इंडिया फायनेंशियल कॉर्पोरेशन, सहारा म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी, सहारा क्यू शॉप, क्यू गोल्ड मार्ट आदि — में फंसी जनता की राशि का क्या होगा? इन स्कीमों का कोई ज़िक्र सरकार या पोर्टल पर नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा रिफंड पोर्टल पर क्लेम की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दी है। मगर हकीकत यह है कि शिवपुरी जैसे जिलों में अब तक किसी निवेशक को एक रुपया भी वापस नहीं मिला है।
👉 निवेशक पूछ रहे हैं — “क्या हमारा पैसा लौटेगा भी या नहीं? और अगर लौटेगा तो आखिर कब तक?”
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