दोनों जैन डेयरियों पर कई अनियमितताएं उजागर, प्रशासन सख्त
शिवपुरी। शहर में मिलावटखोरी का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर डेयरी उत्पादों में मिलावट का खेल बड़े स्तर पर संचालित हो रहा है, जिससे आमजन की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। कलेक्टर श्री रवींद्र कुमार चौधरी द्वारा मिलावटखोरों पर लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद न्यू जैन दूध डेयरी और जैन दूध डेयरी से जुड़े कई गंभीर और विवादित मामले सामने आए हैं।
न्यू जैन दूध डेयरी पर हुई थी बड़ी कार्रवाई
श्री विष्णु मंदिर रोड स्थित न्यू जैन दूध डेयरी पर हाल ही में राजस्व विभाग, नापतोल निरीक्षक एवं खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम द्वारा छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान प्रतिष्ठान में घरेलू उपयोग वाले चार गैस सिलेंडर व्यवसायिक उपयोग में पाए गए, जिन्हें कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा तत्काल जप्त किया गया। वहीं, खाद्य सुरक्षा टीम ने डेयरी से दूध, दही, पनीर एवं घी के सैंपल लिए। डेयरी में रखा गया मठा खराब और खाद्य उपभोग योग्य नहीं पाया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट कराया गया। यह पूरी कार्रवाई एक उपभोक्ता की शिकायत पर की गई थी।
खपत से ज्यादा बिक्री पर उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार न्यू जैन दूध डेयरी द्वारा प्रतिदिन लगभग 10 क्विंटल दूध की बिक्री की जाती है, जबकि स्थानीय डेयरियों से केवल 4-5 क्विंटल दूध ही खरीदा जा रहा है। शेष दूध की पूर्ति के लिए रसायन युक्त नकली दूध का उपयोग किए जाने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस तरह का मिलावटी दूध डेयरी के पिछले हिस्से से गुप्त रूप से लाया जाता है और फिर उसे ग्राहकों को बेचा जाता है, जो सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
जैन दूध डेयरी पर भी पूर्व में सामने आ चुके हैं गंभीर आरोप
जैन दूध डेयरी का नाम भी पहले ऐसे मामलों में सामने आ चुका है, जहां उपभोक्ताओं को मानकों से विपरीत उत्पाद दिए जाने की शिकायतें हुई थीं। इन दोनों डेयरियों के खिलाफ पहले भी विवादित प्रकरण दर्ज हैं, जिससे इनके संचालन पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।
प्रशासन की चेतावनी
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने साफ संकेत दिए हैं कि मिलावटखोरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खाद्य सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले तत्वों पर सख्त कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
नोट: आमजन से अपील है कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहें। किसी भी तरह की शंका या शिकायत होने पर संबंधित विभाग में तत्काल सूचना दें, ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें।