📍 शिवपुरी | 15 जून 2025
शिवपुरी में वर्षों से प्रतीक्षित रेलवे ओवरब्रिज अब जनता की सुविधा का माध्यम बनने की बजाय भ्रष्टाचार और लापरवाही की प्रतीक बनता जा रहा है। जिस ब्रिज को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था, वह अब अधूरा, जर्जर और धराशायी हालत में शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है।
आधा अधूरा पुल, पूरा प्रशासन बेखबर
नगरवासियों का कहना है कि ओवरब्रिज का निर्माण वर्षों पहले शुरू हुआ था, लेकिन आज तक न समय पर पूरा हुआ और न ही गुणवत्ता का ध्यान रखा गया। जगह-जगह क्रैक, अधूरी सड़कों, खुली लोहे की सरियों और झूलती बेरिकेडिंग ने इसे एक दुर्घटना स्थल में बदल दिया है।
जनता बोली — सिंधिया जी का सपना चूर, हम भुगत रहे हैं
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि "हमने सोचा था कि ब्रिज बनने से जाम से राहत मिलेगी, ट्रैफिक आसान होगा, लेकिन यह तो बना ही नहीं। जो बना वो भी खतरनाक है। सिंधिया जी का सपना शिवपुरी की भ्रष्ट व्यवस्था ने चूर-चूर कर दिया।"
नियोजन में गड़बड़ी, जिम्मेदारी तय नहीं
सूत्रों के अनुसार, परियोजना के टेंडर, ठेकेदार चयन और निर्माण सामग्री में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हुईं, लेकिन अब तक किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन और निर्माण एजेंसी एक-दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं।
'जय हो शिवपुरी!' — व्यंग्य में छलका आक्रोश
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर शिवपुरीवासियों ने #जय_हो_शिवपुरी हैशटैग चलाकर तीखा व्यंग्य किया है। लोग कह रहे हैं कि 'यह शहर अब सपनों का नहीं, भ्रष्ट सिस्टम का नमूना बन चुका है।'
🔴 अब सवाल यह है — क्या कोई इस पुल को पूरा कराएगा, या जनता यूं ही लटकती रहेगी?