मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। संगम नगरी में चल रहे महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। योगी सरकार का अनुमान है कि इस पवित्र दिन पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे।
सुरक्षा और व्यवस्था के कदम
प्रयागराज पुलिस और प्रशासन ने शहर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बढ़ा दी है। श्रद्धालुओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए जगह-जगह होर्डिंग्स लगाई गई हैं। कुंभ मेला क्षेत्र की ओर जाने वाले मार्गों की जानकारी के साथ रेलवे स्टेशन से लेकर संगम तक जाने वाले रास्तों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
प्रशासन ने कई गली और मोहल्लों की सड़कों को सील कर दिया है ताकि यातायात और भीड़ प्रबंधन बेहतर हो सके। बैरिकेडिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालु सही रास्ते पर रहें और किसी को भी असुविधा न हो।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
प्रशासन के प्रयासों को स्थानीय निवासियों का भी समर्थन मिला है।
उमेश प्रताप सिंह ने प्रशासन की पहल को सराहनीय बताया और कहा कि ये कदम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लाभकारी होंगे।
अमित गुप्ता ने बैरिकेडिंग के फैसले को सही ठहराया और कहा कि इससे आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का बेहतर ख्याल रखा जा सकेगा।
एक अन्य निवासी ने कहा कि बैरिकेडिंग से गलियों में भटकने की समस्या समाप्त होगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मौनी अमावस्या का स्नान हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। आस्था और धर्म की डुबकी लगाने के लिए संगम पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं। प्रशासन और पुलिस का यह प्रयास संगम नगरी में सुचारू और सुरक्षित व्यवस्था बनाए रखने में मददगार साबित हो रहा है।
प्रयागराज प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन प्रबंधन सुनिश्चित किया है। सुरक्षा और सुविधा के ये उपाय न केवल एक सफल आयोजन की नींव रख रहे हैं, बल्कि धार्मिक और सामाजिक सौहार्द का भी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।