रामा-रामा रटते रटते बीती रे उमरिया....त्रेता युग में शबरी को हुए श्रीराम के दर्शन

 



शिवपुरी| शबरी माता ने भगवान राम से संवाद करते हुए कहा हमारे परम गुरु महामुनि मतंग ऋषि का प्रताप है उनके आश्रम के फल फूल कभी नही मुरझाते। इनके आश्रम में आकर जंगली पशु भी हिंसा नहीं करते। आज भी यहां शेर व बकरी एक साथ बैठते है। 

महामुनि ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम लक्ष्मण सहित उनकी भार्या को खोजते हुए आएंगे तब तुम्हारी प्रभु श्रीराम से भेंट होगी। यह संवाद तात्या टोपे मैदान में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग का प्रतिष्ठा आयोजन व जिला प्रशासन के सहयोग से चल रहे श्रीराम कथा साहित्य और लोक आस्था के चरित्रों की लीला प्रस्तुति के अंतिम दिन आयोजित भक्ति मति शबरी कथा में कही। जिसमें निर्देशक हिमांशु त्रिवेदी, संगीत संयोजन मिलिंद त्रिवेदी व आलेख योगेश त्रिपाठी तथा कार्यक्रम की नृत्य व मंच निर्देशिका गीतांजलि गिरवाल थी।




कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त प्रह्लाद भारती, कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमराव मरावी, नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल, विजेन्द्र यादव, बृजकिशोर श्रीवास्तव डूडा अधिकारी सौरभ गौड़, नगरपालिका सीएमओ केशव सगर ने दीप प्रज्वलित कर किया।

भगवान राम ने बताया नवधा भक्ति मार्ग


भक्तिमति शबरी ने श्रीराम से भेंट करते हुए कहा हम नहीं जानते किस विधि से आपकी स्तुति करें। हम जाति से अंतहीन भीलनी, गंवार और बुद्धिहीन नारी है, हमें न तो मंत्र आते और न ही स्तुति। इस पर श्रीराम ने कहा माता आपने सच्ची भक्ति की है। 

संसार में रहने वालों को नवधा भक्ति में से कोई भी भक्ति कर भगवान को प्राप्त किया जा सकता है जिनमें संतो का संग, भगवान की कथा व प्रसंग को सुनना, अभियान रहित गुरुसेवा, भक्ति छल कपट को छोड़कर भगवान के गुणों का गान करना, भगवान के नाम का मंत्र जाप और भगवान में दृढ़ विश्वास, इंद्रियों का दमन, पूरे संसार को भगवान से ओतप्रोत देखना, जो कुछ मिल जाए उसमें संतोष करना और स्वप्न में भी पराए दोषों को कभी न देखना। सरलता और सभी सबके साथ कपट रहित वर्ताव करना और ह्रदय में भगवान के प्रति भरोसा रखना होती है।

शिवपुरी की कलाकार रौनक ने किया अभिनय


वनवासी लीला कार्यक्रम की भक्ति मति शबरी प्रसंग कथा में गीतांजलि गिरवाल ग्रुप ग्वालियर की ओर से शबरी के बचपन का मुख्य अभिनय शहर की होनहार कलाकार रौनक शर्मा ने किया। जिसे सभी ने बहुत सराहा। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में लगभग 125 से अधिक कलाकारों ने मंचीय अभिनय किया।

Post a Comment

Previous Post Next Post