भोपाल। लॉकडाउन 2.0 के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नई गाइडलाइन जारी की है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइन अनुसार आगामी 3 मई तक जारी रहने वाले लॉकडाउन के अंतर्गत 20 अप्रैल से संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कुछ चयनित आवश्यक गतिविधियां को किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। इनका संचालन लॉकडाउन के मौजूदा नियमों का पालन करते हुए पूरी सोशल डिस्टेंसिंग, सावधानी एवं पूरी सुरक्षा के साथ प्रदेश में किया जाए।
20 अप्रैल से हमारी रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ी ये सेवाएं और दुकानें शुरू होंगी
किराना और राशन की दुकानें।फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें।
डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें।
इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच औरकेबल सर्विसेस।
ई-कॉमर्स कंपनियां काम शुरू कर सकेंगी। डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी।
जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी होगी कि वो सभी जरूरी सेवाओंकी होम डिलिवरी का इंतजाम करे। ऐसा होने परज्यादा लोग बाहर नहीं निकलेंगे। दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा।
ये बाकी सेवाएं भी 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी
आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर। इनमें50% से ज्यादास्टाफ नहीं होगा।
केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर।
ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस।
ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे। राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
गांवों और खेती-किसानी से जुड़ी ये सेवाएं और उद्योग 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगे
नगरीय निकाय की सीमा से बाहर गांवों में उद्योग शुरू किए जा सकेंगे।
गांवों में ईंट भट्टों औरफूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा।
ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे।
कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी।
फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे। इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी।
हैचरी और कमर्शियल एक्वेरियम भी खुल सकेंगे। मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे।
चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50% मजदूर ही रहेंगे।
दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन औरट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा।
पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी।
पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा। पशु शेल्टर औरगौशालाएं खुलेंगी।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े ये उद्योग 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगे
जरूरी सामान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम होगा।इनमें ड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर मनरेगा कामगार काम कर सकेंगे।
ऐसी प्रोडक्शन यूनिट, जिसमें प्रोसेस को रोका नहीं जा सकता।वे शुरू हो सकेंगी। उनकी सप्लाई चेन भी शुरू हो सकेगी।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनी होगी। अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आने-जाने के इंतजाम करने होंगे।
आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा। कोल, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी।
ऑयल और जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी।