इंदौर: कोरोना से जंग हारे थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी, अरविंदो अस्पताल में निधन

इंदौर- कोरोना वायरस की वजह से देश में मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। कोविड-19 की वजह से महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसी बीच इंदौर में संक्रमण की चपेट में आने वाले थाना प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी, वायरस से जंग हार गए हैं।

स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के भी इस घातक वायरस की चपेट में आने के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश का इंदौर कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां बीते कुछ दिनों में कई स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी कोविड-19 के संक्रमण में आए हैं। जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी भी शामिल थे।  


इंस्पेक्ट चंद्रवंशी की रिपोर्ट पॉजेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 45 साल के चंद्रवंशी जूनी इंदौर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी थे। उनका पिछले 10 दिनों से अरविंदों अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालांकि देर रात तीन बजे इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 

2007 में एसआई बने थे चंद्रवंशी

कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद इंस्पेक्टर चंद्रवंशी को निमोनिया हो गया था। वे शाजापुर जिले के निवासी थे और साल 2007 में एसआई बने थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका अरविंदो अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वे संक्रमित होने वाले शहर के पहले पुलिस अधिकारी थे। इसके बाद उनके साथ रहने वाले कांस्टेबल की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। एहतियातन सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन (एकांतवास) कर दिया गया था।

तेजी से हो रहा था स्वास्थ्य में सुधार
कोरोना के इलाज के दौरान पुलिस अधिकारी तेजी से ठीक हो रहे थे। दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था। हालांकि फेफड़े कमजोर होने की वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शनिवार-रविवार की दरमियानी देर रात ढाई बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

डीजीपी ने बढ़ाया था हौंसला

पुलिस अधिकारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद डीजीपी विवेक जौहर इंदौर आए थे। उन्होंने थाने पहुंचकर सभी पुलिसकर्मियों का हौंसला बढ़ाया था। एसपी सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी रोजाना फोन पर उनसे बात करके उनका हाल-चाल जानते थे।

आज होने वाले थे डिस्चार्ज

थाना प्रभारी चंद्रवंशी 19 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 30 मार्च को भर्ती कराया गया था। उनकी पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उसके बाद दो रिपोर्ट निगेटिव थी। एक बार स्वास्थ्य बिगड़ा लेकिन फिर सुधार होने लगा। 13 और 15 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने पर विचार होने लगा था। मगर कल रात 11.30 बजे अचानक सांस चली और हृदय गति तेज हो गई। डॉक्टर विनोद भंडारी के अनुसार उन्हें पल्मोनरी एम्बुलिजम हुआ है जो एक तरह का दिल का दौरा है। यह आम लोगों को भी होता है। यही उनकी मौत की असल वजह है। उन्हें आज अस्पताल से छुट्टी दी जानी थी।

एक महिला की भी मौत
इसी बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से मौत के एक अन्य मामले में 70 वर्षीय महिला ने एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को दम तोड़ दिया। पुलिस निरीक्षक और इस महिला की मौत के साथ ही जिले में इस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 49 पर पहुंच गयी है।

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