शहीद नीलेश के अंतिम संस्कार पर गांववालों ने कि पुष्पवर्षा, लोगों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय, नीलेश तेरा बलिदान नहीं भूलेगा हिन्दुस्तान जैसे नारे लगाए



देवास- सोनकच्छ तहसील के ग्राम घिचलाय का वी काफिला  दोपहर करीब तीन बजे पीपलरावां पहुंचा, पुष्पवर्षा की गई। लोगों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय, नीलेश तेरा बलिदान नहीं भूलेगा हिन्दुस्तान जैसे नारे  सैनिक नीलेश धाकड़ 

soldier nilesh dhakad की जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मृत्यु ड्यूटी के दौरान या अन्य किसी कारण से हुई, इस पर उसकी अंतिम विदाई तक रहस्य बना रहा। आर्मी का ट्रक जैसे ही रसुलपूर बायपास पर पहुंचा, यहां पर सभी समाज के लोगों ने नीलेश अमर रहे, भारत माता की जय के नारे से अगवानी की। रसुलपूर, अमोना चौराहा, मधुमिलन, जवाहर नगर, कैलादेवी, वन मंडल, सयाजी द्वारा, उज्जैन चौराह, बस स्टैंड, भोपाल चौराहा सहित सभी मुख्य चौराहों पर नीलेश अमर रहे के नारे गूंजते रहे और पुष्पवर्षा की गई।




इसी तरह भौंरासा फाटा, सोनकच्छ, गंधर्वपुरी, बेराखेड़ी फाटा, खेरियाजागीर, देहरियाबल्डी, कुम्हारिया बनवीर, पटाडिय़ा जोड़, मुरम्या, सुरजना फाटा में पुष्पवर्षा की गई। काफिला दोपहर करीब तीन बजे पीपलरावां पहुंचा, पुष्पवर्षा की गई। लोगों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय, नीलेश तेरा बलिदान नहीं भूलेगा हिन्दुस्तान जैसे नारे लगाए। गांववालों ने पूरे रास्ते में फूल बिछा दिए। अंतिम संस्कार के समय भी चिता के आसपास मंडप की तरह सजावट की गई थी।



परिजन और समाजजन को सेना के अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी बता नहीं सके कि आखिर उसकी मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई थी। इसी बात को जानने के लिए जब नीलेश का हजारों लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार करने का मौका आया तो परिजन अड़ गए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, पहले आप हमें यह जानकारी दें कि बेटे की मृत्यु कैसे हुई है। आप नीलेश को शहीद का दर्ज दिलाएं, उसके बाद ही हम अंतिम संस्कार करने देंगे।


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परिजन अपनी जिद पर अड़ गए, जिसे देख अधिकारियों के पसीने छूट गए। एसडीएम नीरज खरे, एसडीओपी वीएस द्विवेदी व सेना के अधिकारियों ने परिजन को काफी देर तक समझाया। एक घंटे बाद नीलेश के पार्थिव शरीर का सेना के जवानों ने गार्ड ऑफऑनर, भारत माता की जय, नीलेश अमर रहे के नारों के साथ नम अंाखों से शाम करीब ५.३० बजे अंतिम संस्कार किया। नीलेश के भतीजे दीपक ने मुखाग्नि दी। सुबह से ही घिचलाय में नीलेश के पार्थिव शरीर का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। महू से नीलेश के पार्थिव शरीर के साथ भाई रजनीश और परिवार के सदस्य सेना के ट्रक में घिचलाय आए, जिनके आते ही गांव में नीलेश अमर रहे के नारे गूंज उठे।
 

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मां बोली दूध का कर्ज चुकाया, पिता ने कहा- देश के काम आयानीलेश की मौत की सूचना मां, पिता व बहन को नहीं थी। उन्हें गुरुवार सुबह बताया गया। मां नर्मदा बाई ने नम आंखों से कहा, बेटे ने मां के दूध का कर्ज चुकाया, पिता सुखराम बोले- बेटा देश के काम आया। शाम करीब 4 बजे नीलेश का पार्थिव शरीर उनके घर घिचलाय पहुंचा।बेटे का पार्थिव शरीर देख मां, पिता व बहन सहित परिजन बिलख-बिलख के रो रहे थे। जोलाय रोड स्थित हनुमान मंदिर के पास उनकी निजी भूमि पर बने अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। पूरे मामले में एक बार भी कलेक्टर व एसपी के गांव में नहीं आने से लोग काफी नाराज थे। अंतिम संस्कार में सांसद मनोहर ऊंटवाल, पूर्व संासद सज्जनसिंह वर्मा व विधायक राजेंद्र वर्मा उपस्थित थे। पूर्व सांसद ने शहीद का दर्जा नहीं मिलने पर दु:ख जताया व इसके लिए पूरा सहयोग करने का आश्वासन भी दिया। सांसद ऊंटवाल ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व विधायक राजेन्द्र वर्मा ने मुख्यमंत्री से मिलकर शहीद का दर्जा दिलवाने का आश्वासन दिया। विधायक वर्मा ने शहीद स्मारक के लिए 5 लाख व सांसद ऊंटवाल ने 10 लाख की राशि सांसद निधि से सडक़ निर्माण के लिए देने को कहा। इस अवसर सरपंच प्रतिनिधि महिपाल धाकड़, जप सदस्य अर्जुनसिंह धाकड़, बाबूलाल सेठ, मदनसिंह धाकड़, धाकड़ महासभा महामंत्री कमल नागर सहित हजारों की संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

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