मामा शिवराज की मंशा पर भारी पड़ रहे हैं शिवपुरी के ब्यूरोकेट्स


जैसे राशन की दुकान पर लगती है भीड़, वैसे होती है शिवपुरी में जनसुनवाई

मामा शिवराज की मंशा पर भारी पड़ रहे हैं शिवपुरी के ब्यूरोकेट्स

आने वाले समय में भाजपा सरकार पर भारी न पड़ जाए जनता की यह परेशानी

शिवपुरी।

शिवपुरी जिला मुख्यालय पर प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई मजाक बन गई है। कलेक्टोरेट कार्यालय में अपनी समस्या लेकर आने वाले लोगों को यहां पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रति मंगलवार को यहां लोगों की लाइन ऐसे लगती है जैसे किसी राशन की दुकान के बाहर खाद्यान्न लेने के लिए लाइन लगती हो। कलेक्टोरेट पर हर मंगलवार को परेशान लोगों को लाइन मे लगे या अपने आवेदन देने के लिए भटकते हुए आसानी से देखा जा सकता है। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि आम लोगों की जल्द से जल्द सुनवाई हो लेकिन मामा शिवराज की इस मंशा पर शिवपुरी के अफसर पानी फेर रहे हैं। हालत यह है कि लोगों को अपने शिकायती आवेदन लेकर एक से दो घंटे तक लाइन में लगना पड़ता है। इसके बाद भी लोगों की समस्याओं को हल नहीं किया जा रहा।

कलेक्टर के चपरासी से परेशान हैं लोग

कलेक्टोरेट कार्यालय में चलने वालीे जनसुनवाई पूरी तरह से अव्यवस्थाओं के जाल में है। इसमें सबसे पहले लोगों को अपने आवेदन के लिए पंजीयन क्रमांक लेना पड़ता है। लोगों को इसी पंजीयन में कई घंटे लग जाते हैं। इसके बाद कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठने वाले कलेक्टर या अन्य अधिकारी के पास अपना आवेदन लेकर जाना होता है। इस दौरान सभाकक्ष में जाने के लिए सभाकक्ष के गेट पर कलेक्टर तरूण राठी के चपरासी की मनमानी आमजन पर भारी पड़ती है। इस गेट पर तैनात चपरासी बार-बार गेट बंद कर देता है जिससे आमजन अपनी समस्या लेकर अफसरों के पास जा ही नहीं पाता। इससे लोगों को अपनी परेशानी बताने में ही कई घंटे लग जाते हैं।

अफसर नहीं कर रहे सुनवाई इसलिए परेशान है जनता

- शिवपुरी जनसुनवाई में आवेदकों की बढ़ती संख्या यह बताती है कि जिले में लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। कलेक्टर तरूण राठी ने सभी विभागाध्यक्षों को अपने कार्यालयों में ही बैठने के निर्देश देते हुए सुनवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन यह काम ठप है। अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठते ही नहीं।

- सीएम हेल्पलाइन में 8500 शिकायतें पेडिंग पड़ी हुई हैं। इसी तरह जनसुनवाई में भी दो महीने में 2 हजार से ज्यादा आवेदनों का निराकरण लटका पड़ा है। सुनवाई न होने पर ब्यरोकेट्स के प्रति लोगों में खासा आक्रोश है और आने वाले समय में प्रदेश की भाजपा सरकार को इसका खमियाजा उठाना पड़ सकता है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी

पंजीयन के लिए एक ही टेबिल है इसलिए ज्यादा भीड़ हो जाती है। हमने अभी एक साफ्टवेयर भी चालू किया है जिससे आवेदनों की मॉनिटरिंग होगी। अभी कुछ समय इसमें लगेगा लेकिन आने वाले समय में सब व्यवस्थित हो जाएगा।

मुकेश सिंह

डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी जनसुनवाई शिवपुरी 

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