गुरमीत राम रहीम का जाम को पीकर भक्त हो जाते थे सम्मोहित, डेरे ने बताई उसकी रेसिपी,मंत्र जाप से होता था जाम-ए-इंसां तैयार




सिरसा।गुरमीत राम रहीम का जाम-ए-इंसां के बारे में उसके भक्तों से लेकर उन साध्वियों तक को पता है जो बाबा के खिलाफ खड़ी हुई और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। लेकिन इस जाम-ए-इंसां के बारे में भक्त कुछ और बताते हैं तो साध्वियां कुछ और बताती हैं। डेरे से मुंह मोड़ चुके लोग इस जाम-ए-इंसां को एक ऐसा पेय बताते हैं जिससे आदमी बाबा के वश में आ जाता था। उसकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती थी। इस जाम-ए-इंसां के खिलाफ लोग खुलकर बोल रहे हैं। इस पर डेरा सच्चा सौदा के अखबार सच कहूं ने अपनी सफाई दी है। पढ़िए क्या लिखा है सच कहूं में...

- डेरे का मुखपत्र माना जाने वाला यह अखबार डेरे की तरफ से जाम-ए-इंसां पर अपना पक्ष बताते हुए लिखता है कि जाम-ए-इंसां पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं।
- जाम-ए-इंसां की शुरुआत 29 अप्रैल 2007 को की गई थी। जिसके लिए डेरा प्रेमियों से राष्ट्र, धर्म, समाज की भलाई के लिए 47 नियमों को मानने का प्रण लिया जाता है और उन्हीं को जो प्रण लेते हैं यह जाम पिलाया जाता है। अभी तक करोड़ों लोग जाम-ए-इंसां पी चुके हैं।

डेरे का दावा पानी, दूध व शर्बत-ए-रूह का इस्तेमाल किया जाता है
- दावा किया गया है कि इस जाम-ए-इंसां को तैयार करने के लिए पानी, दूध, शर्बत-ए-रूह का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे लाखों के सामने खुले में तैयार किया जाता है।

मंत्र जाप से होता था जाम-ए-इंसां तैयार
- अखबार लिखता है कि यह जाम सर्वधर्म सदभाव के प्रेमी गुरु मंत्र का जाप कर तैयार करते थे।
- इसे गुरमीत राम रहीम खुद और नाम ले चुके डेरा प्रेमी पीते थे।
- अखबार ने गुरमीत की दो फोटो भी लगाई है, जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि गुरमीत पंडाल में सबके सामने जाम-ए-इंसां तैयार करवा रहे हैं।

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