ग्वालियर। पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में निष्पक्ष व निर्भीक होकर कार्य करते हैं । वे समाज की अभिव्यक्ति का माध्यम बनकर उन्हें संबल प्रदान करते हैं। आमजन की आवाज बनने वाले कलमकारों की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। अफसर अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पत्रकारों पर इमरजेंसी जैसे हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही हे। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि अफसरों ने अपना अड़ियल रुख नहीं बदला तो इसके परिणाम गंभीर होंगे।
मध्यप्रदेश पत्रकार संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मोतीमहल पहुंचकर कमिश्नर एसएन रूपला से मुलाकात कर यह बात कही। संघ के संस्थापक महासचिव राजेश शर्मा के नेतृत्व में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कमिश्नर को ज्ञपना सौंपा गया।ज्ञापन में वर्णित है कि शिवपुरी जिले की प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या के अड़ियल रुख के कारण स्थानीय पत्रकार चार दिन से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन प्रभारी कलेक्टर अपने रुख पर कायम हैं। जिला पंचायत सीईओ के तौर पर पदस्थ नेहा मारव्या को जब कलेक्टर का प्रभार मिला तो उन्होंने जनसुनवाई में मीडिया पर पाबंदी लगा दी। गणतंत्र दिवस की परेड में मीडिया के प्रवेश प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर जनसंपर्क अधिकारी को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई। मीडिया को वीआईपी कवरेज करने से रोका गया। प्रभारी कलेक्टर तानाशाही रवैया अपनाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए समर्पित मीडिया पर हमला किया है।
बताना होगा कि प्रभारी कलेक्टर की इसी तानाशाही से खफा होेकर संयुक्त पत्रकार मोर्चा शिवपुरी के ततवावधान में स्थानीय पत्रकार कलेक्ट्रेट पर चार दिन से आंदोलन कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पत्रकारों को विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक एवं स्वयं सेवी संगठनों का व्यापक जन समर्थन मिल रहा है, लेकिन अड़िलय प्रवृति की अफसर को कोई परवाह ही नहीं है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए और पत्रकारों के हित की रक्षा के लिए संघ ने कमिश्नर को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि अफसरों ने पत्रकारों के स्वाभिमान की रक्षा नहीं की तो इसके परिणाम गंभीर होंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र माथुर, गुरुशरण सिंह, राज दुबे, विनोद शर्मा, रवि शेखर, धर्मेंद्र तोमर, अलकेंद्र सहाय, अनिल अरोरा, राजेश अवस्थी लावा, उपेंद्र तोमर, एसके तिवारी, नीलकमल माहेश्वरी, आलोक शिवहरे, कर्ण मिश्रा, पियुष शिवहरे, बृजेश चतुर्वेदी, एकात्मता शर्मा, सुनील वर्मा, महेंद्र कुशवाह, तुलाराम सावरे, कपिल श्रीवास्तव एवं मुकेश बाथम प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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