गरीब परिवारों को नही मिल रहा BPL का लाभ ,पटवारी नही करते सर्वे

शिवपुरी-
पोहरी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को बनाए गए बीपीएल कार्ड का लाभ पात्र हितग्राहीयो को नहीं मिल पा रहा है। कई अपात्र लोग जो बीपीएल की श्रेणी में नहीं आते हैं उनके बीपीएल कार्ड बन गए हैं और शासन से मिलने वाली हर योजना का लाभ ले रहे हैं। बात यहां तक होती तो ठीक थी लेकिन इन अपात्र बीपीएल कार्डों की जांच करने के लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कदम नहीं उठाता।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने बाले लोगों को बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं। इनमे कार्डधारी परिवार के पास पक्का मकान नहीं होना चाहिए। जमीन नहीं होना चाहिए ऐसी शर्ते होती हैं। जिसकी पूरी जानकारी उस इलाके का पटवारी करता है। पटवारी की रिपोर्ट के बाद ही बीपीएल कार्ड बनता है। मगर पोहरी के और आस-पास के गांव के घरों का सर्वे किया जाए तो लगभग 50 प्रतिशत लोग इस योजना का लाभ उठा रहे है। सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन का ही नुमाइंदा जब बीपीएल कार्ड बनाने से पहले जांच करने जाता है तो फिर कैसे अपात्र लोगों के बीपीएल कार्ड बन जाते हैं।
पूर्व तहसीलदार ने उठाया अपात्र लोगों के कार्ड निरस्ती का मामला
पोहरी में पूर्व तहसीलदार ओपी राजपूत द्वारा बीपीएल कार्डो के पुनः सर्वे कराकर अपात्र लोगों का कार्ड निरस्त कर उन पर कार्रवाई के लिए आदेश निकाला था। साथ ही पोहरी में एनाउंस कराया जिसे देखकर कुछ लोगों ने तो नाम ही हटवा लिया लेकिन जैसे ही तहसीलदार ओपी राजपूत का तबादला हुआ उसके बाद बीपीएल कार्ड बनने मे इजाफा हुआ है। आज पोहरी में 50 प्रतिशत अपात्र लोगों के पास बीपीएल कार्ड है और शासन की निःशुल्क योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में बीपीएल कार्ड का अपात्रों के लिए बनना एक गंभीर विषय है जिसे तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक नजर अंदाज कर दिया गया है।
इनका कहना है
पोहरी में लगभग बीपीएल कार्ड अपात्रों के बनाए गए हैं। जिनकी पुनः जांच करनी चाहिए जिससे अपात्रों को मिल रही शासन की योजनाओं का लाभ बंद हो सके।
वीरेंद्र वर्मा, नागरिक पोहरी।
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शासन से अगर कोई बीपीएल की जांच का अभियान आता है तो निश्चित ही जांच कर निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। अगर हमारे पास कोई शिकायत आती है तो हम जांच कर अपात्रों के कार्डों को निरस्त करते हैं।
एसडी कटारे, तहसीलदार पोहरी।
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मामला संज्ञान में आया है। अगर अपात्रों के पास बीपीएल है तो उनकी जांच के बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
अंकित अष्ठाना, एसडीएम पोहरी

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