देश धर्म और मानवता की रक्षा के लिए त्याग की प्रतिमूर्ती थे गुरु गोविंद सिंह -एस पी

अखिल भारतीय क्षत्रिय युवा महासभा एवम एस आर ग्रुप ने सिख समुदाय के साथ मनाया शाहदत दिवस।


शिवपुरी - धर्म और मानवता की रक्षा के लिए तन मन धन से समर्पित रहकर वीरता का एक इतिहास लिखने वाले धर्म गुरु थे गोविन्द सिंह जी । उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने समूचे परिवार का बलिदान दे दिया।

यह बात आज पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पाण्डेय ने  क्षत्रिय युवा महासभा एवं एस आर ग्रुप द्वारा सिख समुदाय के साथ मनाये गए शहादत दिवस के कार्यक्रम में कही।
 इस दौरान क्षत्रिय बंधुओं के साथ सिख समुदाय के भी तीन सैकड़ा से अधिक महिला पुरुष मोजूद थे। 
सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए क्षत्रिय बंधू एवं सिख समुदाय ने
गुरुद्वार से संकीर्तन सहित श्रधांजलि यात्रा प्रारंभ की  जो माधव चौक से होकर वापस गुरुद्वारा आई इस दौरान मार्ग मैं आमजन द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत भी किया गया गुरूद्वारे मैं आकार गुरु गोविंद सिंह और उनके समूचे परिवार की शहादत को सभी ने नमन किया। सिख संगत के बाबा तेजा सिंह जी ने पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडेय को सरोपा भेंट कर तस्वीर भी भेंट की । क्षत्रिय युवा महासभा के सदश्यों द्वारा सिख समाज की इस वीरता व सहदतो के इतिहास के लिए सिख संगत के वरिष्ठों का सम्मान सरोपा भेंट कर किया। सिख समाज के वरिष्ठ जनों द्वारा क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ जन श्री गंभीर सिंह तोमर, श्री दुर्ग सिंह कुशवाह, श्री जिलेदार सिंह तोमर, श्री केशव सिंह तोमर, श्री ओमप्रकाश सिंह कुशवाह, श्री शेष करण सिंह चौहान, श्री रिपुदमन सिंह भदौरिया, श्री गजेंद्र सिंह सोलंकी, श्री विश्वविजय सिंह कुशवाह, श्री शिव सिंह चौहान का सम्मान इस अविस्मरणीय पहल के लिया सरूपा भेंट कर  किया। कार्यक्रम में एस आर ग्रुप के श्री सतेंद्र सिंह सेंगर, ब्रजेश सिंह तोमर तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय युवा महासभा के जिलाध्यक्ष उपेंद्र सिंह अन्नू तोमर, नीरज सिंह तोमर, लोकेन्द्र सिंह परमार का तलवार व सरोंपा भेंट कर इस ऐतिहासिक आयोजन की पहल के लिए सम्मान किया गया। 
इस दौरान गुरु द्वारे मैं सिख संगत के धर्म गुरुओं , वरिष्ठ जनों व क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ जनों द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया। 
गुरु गोविंद सिंह जी क्षत्रिय होने के साथ सिखों के धर्म गुरु थे। जिनके  पुत्रों तथा मां गुजरी की शहादत मुग़ल आक्रांताओं के खिलाफ हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु संघर्ष के दौरान हुई थी। क्षत्रिय समाज के साथ शहादत दिवस के इस कार्यक्रम को मनाकर अनुकरणीय पहल की।
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