शिवपुरी। रिश्तों में ठहराव, समझ और संवेदनशीलता विकसित करने के उद्देश्य से शिवपुरी सर्किल जेल में एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला राज्य आनंद संस्थान, जिला शिवपुरी के सहायक नोडल अधिकारी जे. पी. गुप्ता के निर्देशन एवं सहायक नोडल अधिकारी अभय जैन के मार्गदर्शन में जेल के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आयोजित की गई।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रार्थना “हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें” के साथ हुआ, जिससे उपस्थितजनों में आत्मचिंतन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। इसके पश्चात राज्य आनंद संस्थान का परिचय एवं प्रतिभागियों का आत्मीय परिचय मास्टर ट्रेनर व जिला संपर्क प्रमुख अभय जैन द्वारा कराया गया।
कार्यशाला के मुख्य सत्र में आनंद सहयोगी ब्रजेश सिंह तोमर ने रिश्तों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अल्पविराम अत्यंत आवश्यक है। अल्पविराम हमें रुककर सुनने, समझने और रिश्तों को सहेजने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि जैसे शरीर के पोषण के लिए भोजन आवश्यक है, वैसे ही रिश्तों के पोषण के लिए अल्पविराम जरूरी है।
अगले सत्र में मास्टर ट्रेनर साकेत पुरोहित ने “मेरे रिश्तों का मैप” विषय के माध्यम से व्यवहार, संवाद और संवेदना के संतुलन को जीवन के सरल उदाहरणों से समझाया। उन्होंने कहा कि रिश्तों में हार-जीत नहीं होती; हार-जीत युद्ध के मैदान में होती है। संबंधों में या तो दोनों जीतते हैं या दोनों हारते हैं, इसलिए रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए माफ करना और माफी मांगना आवश्यक है।
कार्यक्रम के समापन पर जेलर रामशिरोमणि पाण्डेय ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं कार्यस्थल पर मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करती हैं तथा सकारात्मक वातावरण के निर्माण में सहायक होती हैं।
इस अवसर पर आनंदम सहयोगी दुर्गेश गुप्ता, आनंदक सचिन अग्रवाल, पंकज मिश्रा एवं उदय राजावत सहित अनेक अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि रिश्तों को जीवंत बनाए रखने के लिए जीवन में समय-समय पर एक अल्पविराम आवश्यक है।




