शिवपुरी, मध्यप्रदेश | 25 जुलाई 2025
शिवपुरी जिले की कृषि उपज मंडी समिति में बड़े स्तर पर आर्थिक अनियमितताओं और संभावित भ्रष्टाचार की आशंका सामने आई है। यह गंभीर प्रकरण विधायक श्री कैलाश कुशवाहा द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा में उठाया गया, जिसमें उन्होंने न केवल किसानों के हितों की बात की, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और आम जनता के विश्वास की रक्षा की माँग भी की।
अगस्त 2018 में हो चुकी है FIR
ज्ञात हो सात वर्ष पूर्व जांच में दोषी शिवपुरी मंडी सचिव सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने जारी किए थे।
मामला क्या है?
मंडी सचिव रामकुमार शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने 2500 ट्रॉली प्याज को बिना वैध अनुमति, टैक्स भुगतान और ऑनलाइन रिकॉर्डिंग के मंडी में प्रवेश कराया। इससे लाखों रुपए के संभावित राजस्व का नुकसान हुआ है।
विधायक कुशवाहा ने विधानसभा प्रश्न संख्या 42576 के अंतर्गत 5 प्रमुख सवाल उठाए, जिनमें सबसे गंभीर प्रश्न था:
रामकुमार शर्मा को शिवपुरी, बदरवास, लुकवासा और बैराड़ – चार मंडियों का प्रभारी क्यों बनाया गया जबकि उन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लंबित हैं?"
📌 व्यापारी एवं जनता हित में उठे मुख्य मुद्दे:
1. ❗ बिना टेंडर और आदेश के मंडी का संचालन – क्या मंडी बोर्ड की मिलीभगत है?
2. ❗ 2500 ट्रॉली प्याज – बिना ऑनलाइन रसीद और भुगतान के एंट्री कैसे हुई?
3. ❗ मार्च-जून 2025 की मंडी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?
4. ❗ विवादित अधिकारी को नई जिम्मेदारियाँ क्यों दी गईं?
5. ❗ किसानों और व्यापारियों के विश्वास की अनदेखी क्यों?
जनता और व्यापारी वर्ग की माँग:
निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच कमेटी गठित की जाए
मंडी सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए
सभी लेन-देन को पारदर्शी व डिजिटल बनाया जाए
व्यापारियों की सुरक्षा के लिए मंडी में निगरानी समिति बने
किसानों को समय पर भुगतान और वैध रसीद की गारंटी दी जाए
विधायक कैलाश कुशवाहा का बयान:
"यह केवल एक मंडी अधिकारी का मामला नहीं है, बल्कि किसानों के श्रम और व्यापारियों के विश्वास पर आघात है। दोषी चाहे कोई भी हो, उसे सज़ा मिलनी चाहिए।"
यह मामला शिवपुरी मंडी तक सीमित नहीं है। यह प्रदेश की मंडी व्यवस्था की पारदर्शिता और ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा करता है। जनता अब केवल जवाब नहीं, कार्यवाही चाहती है।
📆 विधानसभा उत्तर की तिथि: 04 अगस्त 2025