शिवपुरी। नगरपालिका परिषद (पीआईसी) से वार्ड क्रमांक 37 के पार्षद गौरव सिंघल को हटाए जाने के बाद शिवपुरी की नगर राजनीति में उबाल आ गया है। नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के इस निर्णय के विरोध में गुरुवार को लगभग एक दर्जन पार्षद एकजुट होकर सामने आए और इसे तानाशाहीपूर्ण निर्णय करार दिया।
सभी नाराज़ पार्षद गौरव सिंघल के कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्होंने माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया और खुलकर समर्थन जताया। इस दौरान पार्षदों ने स्पष्ट कहा कि समिति से सिंघल को हटाना राजनीतिक द्वेष और अंदरूनी साजिश का परिणाम है, जो लोकतंत्र की मूल भावना और पारदर्शिता के खिलाफ है।
पार्षदों की यह एकजुटता नगर सरकार में बढ़ते असंतोष और नेतृत्व पर उठते सवालों का संकेत मानी जा रही है। जानकारों का कहना है कि यह विरोध भविष्य में बड़ा रूप ले सकता है और नगर परिषद में शक्ति संतुलन को चुनौती दे सकता है।
नगरपालिका की अंदरूनी राजनीति अब पूरी तरह खुलकर सामने आ चुकी है। यदि पार्षदों की यह नाराज़गी बनी रही, तो आने वाले दिनों में अध्यक्ष के लिए स्थिति और भी कठिन हो सकती है।
अब नगरवासियों की निगाहें नगरपालिका की अगली रणनीति और पार्षदों की आगे की एकजुटता पर टिकी हैं।