नक़ल करने का अजीब हथकंडा ,ब्लूटूथ को बनाया ताबीज, बाथरूम गया तब खुला राज

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी का परीक्षा भवन। समय गुरुवार दोपहर 2:55 बजे का। इसी बीच हैलो, हैलो, अबे बोल क्यों नहीं रहा, जल्दी से उत्तर लिख, मोबाइल की यह आवाजें आ रही थीं। पर्यवेक्षक(इनविजीलेटर) व एमबीबीएस के परीक्षार्थी हैरान थे कि आखिर आवाज कहां से आ रही है। पर्यवेक्षक आवाज की दिशा में आगे बढ़ता गया। जब टेबल के नीचे झांककर देखा तो अवाक रह गया।
चुंबक से मोबाइल को बांधकर लोहे की टेबल से चिपका रखा था। जीआर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस तीसरे वर्ष के छात्र हरिओम राजपूत ने ब्लूटूथ को ताबीज बनाकर गले में पहन रखा था। उसके जरिए वह नकल कर रहा था। नकल का यह अजीब हथकंडा देख सभी शिक्षक व केन्द्राध्यक्ष हैरान थे। उसके खिलाफ नकल प्रकरण दर्ज किया गया। जेयू में इस तरह का यह पहला मामला है।
बाथरूम गया तब खुला राज
जेयू के परीक्षा भवन में परीक्षार्थियों के लिए लोहे की टेबलें लगी हैं। गुरुवार को दोपहर की पाली में एमबीबीएस तीसरे वर्ष का तीसरा पेपर चल रहा था। छात्र हरिओम राजपूत ने मोबाइल के पिछले हिस्से पर दो गोल चुंबक लगाईं। किसी तरह वह मोबाइल लेकर अपनी सीट तक जा पहुंचा। डेढ़ घंटे बाद वह बाथरूम की कहकर गया तो मोबाइल और ब्लूटूथ की कनेक्टिविटी टूट गई और मोबाइल से आवाजें आने लगीं।
इनविजीलेटर ने टेबल के नीचे छिपका मोबाइल निकाल लिया और छात्र का इंतजार किया। छात्र के आते ही केन्द्राध्यक्ष प्रो.विवेक वापट व डॉ.डीसी गुप्ता ने उसके शरीर पर नजर दौड़ाई। उन्हें शंका थी कि जरूर वह ब्लूटूथ के जरिए नकल कर रहा था। उनकी नजर छात्र के गले में पड़े काले पतले धागे पर पड़ी। केन्द्राध्यक्ष ने धागा निकलवाया तो छात्र बोला वह ताबीज है।
केन्द्राध्यक्ष ने उतारकर देखा तो वह ताबीज ही नजर आया। जब बारीकी से देखा तो वे सन्ना रह गए। छात्र ने ब्लूटूथ को काले कपड़े में लपेट रखा था। धागे के रूप में उसने इनवर्टर के पतले काले तार का इस्तेमाल किया था। नकल की पुष्टि होते ही उसके खिलाफ नकल प्रकरण दर्ज किया और पहली कॉपी जमा कर दूसरी कॉपी दे दी गई। कुछ देर बाद वह दूसरी कॉपी छोड़कर भाग गया। जो छात्र को मोबइल पर दूसरी तरफ से नकल करा रहा था उसका मोबाइल नंबर भी ट्रेस हो गया है।
मेडिकल कॉलेज में पकड़े थे छात्र
ब्लूटूथ से नकल करते हुए मेडिकल छात्रों को 5 साल पहले भी पकड़ा जा चुका है। उस समय मेडिकल की परीक्षाएं गजराराजा मेडिकल मेडिकल में ही होती थीं। कुछ छात्रों ने कान में माइनर ऑपरेशन के जरिए ब्लूटूथ फिट करा लिए थे। उसके जरिए वे नकल करते थे। जेयू के उड़नदस्ते ने उनकी यह चतुराई पकड़ ली थी।
मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने उनके कान से ब्लूटूथ निकाला था। इस घटना के बाद छात्रों ने उड़नदस्ते पर हमला कर दिया था। उनकी जमकर पिटाई की थी। पुलिस थाने में भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी। दो साल पहले जेयू के परीक्षा केन्द्र पर भी एक छात्रा ब्लूटूथ लेकर पहुंची थी लेकिन उसे पहले ही पकड़ लिया गया।
इस तरह कराते हैं नकल
ब्लूटूथ को कान या गले में लगाया जाता है। मोबाइल को छात्र जेब या अन्य स्थान पर रखते हैं। पर्चा बंटने के कुछ देर बाद छात्र बाथरूम के बहाने जाता है और सीरियल के हिसाब से सवाल अपने मित्र(नकल कराने वाले) को पढ़कर सुना देते हैं। घर या अन्य कहीं बैठकर मित्र उत्तर खोजता है और मोबाइल से बोल-बोलकर छात्र को सुना देता है। जेयू में जो छात्र पकड़ा गया है उसने अलग-अलग पन्नाों पर प्रश्न लिखकर तैयार कर लिए थे। कुछ का उत्तर भी लिख लिया था।

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