बुल-मदर फार्म की सार्थकता तभी जब गायों की उन्नत नस्ल बढ़े




पशुपालन, मछुआ कल्याण और मत्स्य-विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि बुल-मदर फार्म में बेहतर व्यवस्थाएँ हैं। उन्नत नस्ल के गाय और नंदी हैं। 

ऑटोमेशन डेयरी प्लांट है, लेकिन इनकी सार्थकता तभी है, जब प्रदेश में उन्नत नस्ल की गायों की संख्या बढ़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश गौ-वंशीय दुधारु पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता कम है, इसमें वृद्धि की पर्याप्त गुंजाइश है। बुल-मदर फार्म में 20 लीटर रोजाना दूध देने वाली गिर, एच.एफ. आदि उन्नत नस्ल की गाय हैं। किसान ऐसे ही उन्नत नस्ल के पशु-पालन को अपनाये, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो और उनके लिये पशु-पालन लाभकारी हो। इसमें फार्म महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

 मंत्री श्री यादव आज राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के भदभदा स्थित बुल-मदर फार्म का निरीक्षण कर रहे थे।  मंत्री श्री यादव ने फार्म में संचालित विभिन्न गतिविधियों, जिनमें बॉयो गैस संयंत्र, अत्याधुनिक स्व-संचालित मॉडल डेयरी एवं पार्लर तथा भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक प्रयोगशाला का निरीक्षण कर कहा कि यह सराहनीय है, लेकिन केवल डिमान्स्ट्रेशन के लिये नहीं। इसे ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाना चाहिये। 

 पहाड़ी से लगे क्षेत्र में 16 फीट ऊँची फेंसिंग कराये  निरीक्षण के दौरान प्रबंध संचालक डॉ. एच.बी.एस. भदौरिया ने बताया कि रातापानी अभयारण्य से जुड़े हिस्से में टाइगर मूवमेंट देखा गया है। इस पर मंत्री श्री यादव ने फार्म के रातापानी अभयारण्य से लगे हिस्से में 16 फीट ऊँचाई की फेंसिंग करवाने के निर्देश दिये। इसके लिये वन विभाग से समन्वय कर तुरंत कार्यवाही की जाये। मंत्री श्री यादव ने गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाया तथा पौध-रोपण भी किया।

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